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नारी

नारी श्रद्धा है, विश्वास है
नारी एक एहसास है
नारी आशा की किरन है
नारी धरती है जिसपर हम रहते है
नारी आसमान है जिसके नीचे सारा संसार है,
नारी कल्पना है जिसके बगैर हर मंजिल मुश्क़िल है
नारी एक संकल्प है,
जिसके बिना हर रास्ता कठिन है,
नारी भावनाऔ का सागर है
सहनशीलता कि अदभुत मिसाल है
सब कुछ सहती है कभी कुछ नही कहती है
नारी वह जीवन ज्योति है जो हर अंधकार को दूर करती है
नारी मार्गदर्शक है
नारी पथप्रदर्शक है
जो भट्के पथिक को रास्ता दिखाती है
नारी वह फूल है जो
सिर्फ खुशबू ही देती है
जिसकी खुशबू से संसार महक उठ्ता है
नारी गहरा समंदर है
वो सारे दुखो को अपने अंदर समेट ळेती है
और चारो ओर मुस्कान बिखेरती है
नारी की हर रुप अनोखी है
उसका हर कर्म नि:स्वार्थ है और उसकी पूजा परमार्थ है।

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